बेटियां फूल है बेटियां है कली
बेटियां मीठी है जैसे गुड की डली।
बेटियां प्यार है और आशीष हैं
गर्व से उठ रहा बाप का शीश हैं।
माँ के दिल का अरमान है बेटियां
हर पिता की पहचान हैं बेटियां।
बेटियों से महकता है घर आँगन
बेटिओं को नमन, बेटिओं को नमन।
बेटियाँ घर और आँगन की शान हैं
बेटियाँ पूरे घर का सम्मान हैं।
बेटियाँ होती हैं रोशनी की तरह
घर मे रहती हैं वो ज़िंदगी की तरह।
बेटियाँ मुस्कराता हुआ चाँद हैं
बेटियाँ मेरे दिल की फरियाद है।
बेटियाँ हैं तो है उनसे सारा चमन
बेटियों को नमन, बेटियों को नमन।